Indian Railways News => Topic started by nikhilndls on Jun 08, 2013 - 21:01:37 PM


Title - escalator collapsed within a week in nagpur station - ...और देखते-देखते हफ्तेभर में ही दम तोड़ दिया
Posted by : nikhilndls on Jun 08, 2013 - 21:01:37 PM

नागपुर. रेलवे स्टेशन के पश्चिम द्वार पर गत कुछ ही दिनों पहले लगाए एस्क्लेटर ने लापरवाही के चलते एक सप्ताह के भीतर ही दम तोड़ दिया। गुरुवार की शाम स्वचलित सीढिय़ों को खोल मरम्मत करते देखा गया। हालांकि रेलवे प्रशासन का कहना है कि, मशीन को ऑयलिंग करने के लिए बंद किया गया था। लेकिन शुरू होने के महज 5 दिनों बाद मशीन की ऑयलिंग करना समझ से परे है।

चूंकि रात 10 से सुबह 6 बजे तक एस्क्लेटर को बंद किया जाता है। उस दौरान मरम्मत कार्य किया जा सकता है। शाम को यात्रियों का आवागमन ज्यादा होता है, ऐसे में उसी समय सीढिय़ों को बंद करके दुरुस्ती करना सारा भेद खोलता है। सूत्रों के अनुसार सीढिय़ों पर भारी सामान ढोने की अनुमति नहीं है। इस उद्देश्य से सीढिय़ों के पास एक कर्मचारी को नियुक्त किया गया था। फिर भी सीढिय़ों के खराब होने का कारण भारी सामान ढोना रहने से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।

वल्र्ड क्लास स्टेशन की तर्ज पर यात्रियों को सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से स्टेशन परिसर में स्वचलित सीढिय़ों का निर्माण करने की घोषणा हुई थी। जिसके अंतर्गत फरवरी माह में स्वचलित सीढिय़ों का काम पश्चिम द्वार की ओर शुरू कर दिया गया था। फिलवक्त पश्चिम द्वार पर एफओबी तक ऊपर जानेवाली सीढिय़ां लगाकर महज एक सप्ताह पहले ही शुरू की गयी थीं।

सीढिय़ों का कैसे इस्तेमाल हो, इस संबंध में निर्देश भी लिखे हैं। जिसमें साफतौर पर भारी सामान को लेकर जाना मना है, लिखा है। नियम का उल्लंघन न हो, इसलिए यहां रेलवे कर्मचारी को तैनात किया गया है। लेकिन कई बार सीढिय़ों के पास कोई नहीं देखा गया। जिसके चलते यात्री मनमाने ढंग से सीढिय़ों से भारी सामान लेकर जा रहे हैं। परिणाम स्वरूप गुरुवार की शाम सीढिय़ां खराब होकर रुक गई हंै। ऐसे में इतने दिनों बाद यात्रियों को मिली सुविधा छिन गई है। उल्लेखनीय है कि परिसर का एफओबी 20 फिट से ज्यादा ऊंचाई पर है। ऐसे में यहां तक लंबी सीढिय़ों के सहारे पहुंचना पड़ता है।

सामान्य यात्री को इससे कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन विकलांग, बुजुर्ग व बीमार यात्रियों के लिए यह सीढिय़ां परेशानी का कारण बनती हैं। ऐसे में स्टेशन परिसर में एफओबी तक पहुंचने के लिए स्वचलित सीढिय़ों का निर्माण कर यात्रियों को सुविधा देने का प्रयास किया था। लेकिन रखरखाव के अभाव से सीढिय़ों का सुख ज्यादा दिन तक यात्रियों के नसीब में नहीं रहने की बात सामने आ रही है।

जल्दी रेलवे संबंधी जानकारी मिलेगी दस नए नंबरों पर अब रेलवे यात्रियों को रेलवे संबंधी जानकारी के लिए केवल 139 नंबर पर ही निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जल्दी ही रेलवे द्वारा दस नए नंबर लॉंच किए जा रहे हैं। जिस पर वॉइस व एसएमएस पध्दती से रेलवे संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी पलभर में मिलेगी। 1320 से 1329 तक नंबरों पर फोन कर या एसएमएस कर यात्री यह सुविधा हासिल कर सकेंगे। इन नंबरों में 1320, 1321 व 1322 नंबर हेल्पडेक्स के लिए तय हुए है। इस पर फोन कर यात्री रेलवे की कैटरिंग व्यवस्था व सिक्यूरिटी संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बाकी नंबरों से क्या जानकारी मिलेगी यह अभी तय होना है।

हालंाकि इन नंबरों के शुरू होने के बाद भी 139 की सेवा आरंभ रहेगी। भारतीय रेलवे द्वारा शुरू किए जानेवाले इन दस नंबरों को दूरसंचार विभाग की ओर से मान्यता मिल गई है। आनेवाले दिनों में जल्दी यात्री इन नंबरों की साहायता से रेलवे संबंधी पूछताछ कर सकेंगे। रेलवे देश का सबसे सुविधायुक्त व सस्ता साधन रहने से यात्री इसे प्राथमिकता देते हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में रोजाना 12335 गाडिय़ां चलती है।

जिसमें रोजाना 1 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। ऐसे में रेलवे संबंधी कोई भी जानकारी की जरूरत यात्रियों को पड़ती है। ऐसे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा पहले 131, 132 व 133 सेवा प्रारंभ की थी। जो कुछ ही महिनों में जवाब दे गई। यात्रियों को इससे कोई लाभ नहीं मिलने से इन नंबरों को बंद किया गया। इसके बाद फिलवक्त 139 नंबर पर रेलवे संबंधी जानकारी दी जा रही है।

लेकिन टिकट कंन्र्फम संबंधी जानकारी के लिए रोजाना 50 लाख से अधिक यात्री रेलवे की एकमेव 139 सेवा का इस्तमाल करती हैं। ऐसे में बाकी जानकारी के लिए यात्रियों को मौका ही नहीं मिलता है। वर्तमान स्थिति में 139 नंबर भी यात्रियों के लिए पर्याप्त नहीं है।

ऐसे में बढ़ती यात्रियों की परेशानी को देख भारतीय रेलवे द्वारा उक्त दस नए नंबर शुरू कर यात्रियों को सेवा देने का निर्णय लिया। इन नंबरों पर ट्रेन के पोजिशन की जानाकरी के अलावा यात्री किसी भी संबंधी शिकायत कर सकेंगे। सूत्रों के अनुसार आनेवाले 6 माह के भीतर यात्रियों को इस नंबरों की सुविधा मिलेगी। इसे सेन्ट्रल फॉर रेलवे इंनफॉरमेशन सीस्टम द्वारा ऑपरेट किया जाएगा।